भारत में 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सरकार का बैन: कारण, प्रभाव और विश्लेषण
भूमिका
भारत में डिजिटल क्रांति के साथ-साथ ओटीटी (Over The Top) प्लेटफॉर्म्स का उदय हुआ। इन माध्यमों ने पारंपरिक टीवी और सिनेमा की सीमाओं को तोड़कर एक नई मनोरंजन संस्कृति को जन्म दिया। पिछले कुछ वर्षों में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग तेजी से बढ़ा, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान, जब सिनेमा हॉल बंद थे और लोग घरों में मनोरंजन के विकल्प खोज रहे थे।
लेकिन ओटीटी माध्यमों की यह लोकप्रियता उनके कंटेंट के कारण विवादों में भी रही। एक ओर जहाँ इन प्लेटफॉर्म्स ने समाज को विविध और सशक्त कहानियाँ दीं, वहीं दूसरी ओर इन पर अश्लीलता, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले दृश्य और हिंसा के अत्यधिक प्रयोग के आरोप भी लगे। जुलाई 2025 में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया, जिससे पूरे देश में बहस छिड़ गई।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स: आज का डिजिटल मनोरंजन
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स इंटरनेट के माध्यम से फिल्में, वेब सीरीज, डॉक्यूमेंट्री, लाइव टीवी और अन्य वीडियो कंटेंट प्रदान करते हैं। Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, Sony LIV, MX Player आदि इसके लोकप्रिय उदाहरण हैं। इन प्लेटफॉर्म्स की सफलता का कारण था—बिना सेंसरशिप के क्रिएटिव फ्रीडम, लो-कॉस्ट एक्सेस और मोबाइल पर कंटेंट की उपलब्धता।
लेकिन, कई छोटे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने इस आज़ादी का दुरुपयोग किया और अश्लील, गैर-ज़रूरी बोल्ड और समाज विरोधी कंटेंट प्रसारित करना शुरू कर दिया।
बैन किए गए ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की सूची
भारत सरकार द्वारा जिन 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को 25 जुलाई 2025 को प्रतिबंधित किया गया है, उनकी सूची इस प्रकार है:
- ULLU
- ALTT (पूर्व में ALT Balaji)
- Big Shots App
- Boomex
- Bull App
- Desiflix
- Feneo
- Fugi
- Gulab App
- Hitprime
- HotX VIP
- Hulchul App
- Jalva App
- Kangan App
- Look Entertainment
- Mojflix
- MoodX
- Navarasa Lite
- NeonX VIP
- ShowX
- Sol Talkies
- Triflicks
- Adda Tv
- Wow Entertainment
- Prime Play
इनमें से अधिकांश प्लेटफॉर्म्स पर “बोल्ड कंटेंट” या “एडल्ट वेब सीरीज” के नाम पर अश्लील सामग्री परोसने के आरोप लगे हैं।
सरकार की कार्रवाई का आधार
भारत सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स पर निम्नलिखित आधारों पर कार्रवाई की:
1. आईटी अधिनियम, 2000 का उल्लंघन
- धारा 67 और 67A के तहत अश्लील कंटेंट के प्रकाशन, प्रसारण और वितरण पर प्रतिबंध है।
- इन प्लेटफॉर्म्स ने इस कानून का उल्लंघन करते हुए “पॉर्नोग्राफिक” और “अश्लील” वीडियो को खुलेआम इंटरनेट पर उपलब्ध कराया।
2. महिलाओं के अशोभनीय चित्रण पर कानून का उल्लंघन
- Indecent Representation of Women (Prohibition) Act, 1986 के तहत महिलाओं को अश्लील या वस्तु के रूप में चित्रित करना अवैध है।
- बैन किए गए अधिकांश प्लेटफॉर्म्स पर दिखाया गया कंटेंट महिलाओं के सम्मान के खिलाफ पाया गया।
3. सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 का उल्लंघन
- नए आईटी नियमों के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करनी होती है।
- इनमें से अधिकांश प्लेटफॉर्म्स ने न तो कोई शिकायत अधिकारी नियुक्त किया और न ही किसी प्रकार की जिम्मेदारी निभाई।
क्यों उठाया गया यह कदम?
1. युवा वर्ग पर नकारात्मक प्रभाव
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग सबसे ज्यादा 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के लोग करते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रस्तुत सामग्री ने युवाओं में गलत आदतें, हिंसक प्रवृत्तियाँ और यौन विकृति को जन्म दिया।
2. धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को ठेस
कुछ प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी वेब सीरीज और फिल्में आईं, जिनमें धार्मिक प्रतीकों, त्योहारों और परंपराओं का मजाक उड़ाया गया, जिससे देश में आक्रोश फैला।
3. सेंसरशिप और आत्मनियंत्रण का अभाव
फिल्म और टीवी की तुलना में ओटीटी माध्यमों पर कोई सेंसरशिप लागू नहीं है। इसका लाभ उठाकर कई कंटेंट क्रिएटर्स ने “क्रिएटिव फ्रीडम” के नाम पर आपत्तिजनक सामग्री परोसी।
OTT इंडस्ट्री पर प्रभाव
यह फैसला भारत की ओटीटी इंडस्ट्री पर बड़ा प्रभाव डालने वाला है:
- रोजगार में गिरावट: इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े हजारों एक्टर्स, टेक्नीशियंस, एडिटर्स, राइटर्स और स्टाफ बेरोजगार हो सकते हैं।
- छोटे प्रोडक्शन हाउस को झटका: जो निर्माता बड़े प्लेटफॉर्म्स तक नहीं पहुँच पाते थे, उनके लिए छोटे ओटीटी ही मंच थे।
- उद्योग में अनिश्चितता: अब अन्य ओटीटी कंपनियाँ भी आशंकित हैं कि कहीं वे भी निशाने पर न आ जाएँ।
जनता की प्रतिक्रिया
सकारात्मक प्रतिक्रिया:
- कई अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया। उनका कहना है कि इससे बच्चों और किशोरों को डिजिटल अश्लीलता से बचाया जा सकेगा।
- धार्मिक संगठनों ने भी राहत की साँस ली है क्योंकि कई शो धार्मिक प्रतीकों को विकृत तरीके से प्रस्तुत करते थे।
नकारात्मक प्रतिक्रिया:
- क्रिएटिव इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
- कुछ दर्शकों ने कहा कि सरकार को बैन करने के बजाय एज-गेटिंग, रिपोर्टिंग और रेटिंग सिस्टम को मजबूत करना चाहिए था।
क्या नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स बैन हुए?
नहीं। सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के विपरीत, Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, ZEE5, Sony LIV जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
बैन केवल उन प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया है जो सीधे तौर पर पोर्नोग्राफिक, अश्लील या अनैतिक कंटेंट फैलाने के दोषी पाए गए।
भविष्य की दिशा
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह बैन स्थायी नहीं है। यदि ये प्लेटफॉर्म्स:
- अपनी सामग्री की समीक्षा करें
- शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करें
- सरकार द्वारा तय दिशानिर्देशों का पालन करें
तो इन पर से बैन हटाया जा सकता है।
साथ ही, सरकार एक नए “डिजिटल मीडिया नैतिकता कानून” पर काम कर रही है जो आने वाले वर्षों में सभी डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म्स के लिए एकसमान गाइडलाइन तय करेगा।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया बैन एक साहसिक लेकिन आवश्यक कदम था। यह फैसला मनोरंजन और डिजिटल आज़ादी के क्षेत्र में एक चेतावनी है कि बिना नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के किसी भी स्वतंत्रता का अंत हो सकता है।
जहाँ रचनात्मक स्वतंत्रता आवश्यक है, वहीं सामाजिक मर्यादा और कानून का पालन भी उतना ही जरूरी है। यदि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स इन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखते हैं, तो वे फिर से विश्वास और लोकप्रियता प्राप्त कर सकते हैं।