📌 1. 20वीं किस्त में विलंब: वर्तमान स्थिति
- पीएम-किसान की 19वीं किस्त फरवरी 2025 में जारी की गई थी और चार महीने बाद यानी जून 2025 में 20वीं किस्त की उम्मीद थी।
- जून माह समाप्ति के बाद भी भुगतान नहीं हुआ, जिससे लाखों किसान चिंतित हैं ।
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 20वीं किस्त जल्द ही जारी करेगी, लेकिन इसकी आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं हुई है ।
2. क्यों अटकी 20वीं किस्त? मुख्य कारण आइए देखें 👇
2.1 e‑KYC प्रोसेस का अधूरा होना
- सरकार ने साफ कह दिया है: यदि किसान की ‘e‑KYC’ प्रक्रिया पूरी नहीं है, तो किस्त रोक दी जाएगी ।
- e‑KYC का मुख्य उद्देश्य यह सत्यापित करना है कि लाभ सही किसान तक पहुँचे।
- यदि किसी कारणवश आधार OTP या CSC पर बायोमेट्रिक KYC पूरा नहीं हुआ, तो भुगतान नहीं होगा।
2.2 बैंक खाते और आधार का लिंक न होना
- PM-KISAN राशि सीधे Aadhaar-seeded bank account में भेजी जाती है, इसलिए आधार और बैंक अकाउंट का लिंक होना आवश्यक है ।
- बैंक या आधार में मामूली त्रुटि—जैसे खाता नंबर या IFSC का गलत होना—से डेबिट फेल हो सकता है।
- ऐसे में भुगतान के लिए बैंक में जाकर आधार लिंकिंग की पुष्टि आवश्यक है।
2.3 भूमि सत्यापन (Land Verification) अधूरा होना
- सिर्फ रजिस्ट्री ही नहीं, बल्कि भूमि का सत्यापन भी अनिवार्य हो गया है।
- इसका मकसद सुनिश्चित करना है कि वास्तविक लघु और सीमांत किसानों तक ही पैसा जाए।
- खेत के रिकॉर्ड में त्रुटि, नाम असंगति आदि होने पर जिला कृषि या राजस्व विभाग से भूमि सत्यापन करवाना होगा।
2.4 पात्रता मानदंड पूरा न होना / गलत जानकारी
- कुछ किसान अयोग्य रूप से (जैसे सरकारी नौकरी, आयकरदाता इत्यादि) आवेदन कर लेते हैं; सरकार अब ऐसे लाभार्थियों की पहचान कर रद्द कर रही है ।
- बैंक डेटा में मिसमैच, आधार में जन्मतिथि या नाम के अंतर से भी पात्रता संशय हो सकता है।
2.5 डीबीटी और बैंकिंग इंटेलिजेंस से जुड़ी तकनीकी समस्या
- DBT नेटवर्क की तकनीकी दिक्कतें (सुस्त सर्वर, बैंक होल्ड, सिस्टम डाउन) भी डिटेल अपडेट और फंड ट्रांसफर को प्रोक्रेस्टिनेशन के दौर में डाल सकती हैं।
- इनमें हस्तक्षेप करने के लिए सरकार ने निर्देश जारी किए हैं, लेकिन किसानों को भुगतान अभी तक नहीं मिल पाया है।
3. सरकार और मीडिया रिपोर्ट्स की प्रतिक्रिया
- मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार ने e-KYC व आधार‑बैंक लिंकिंग पर अतिरिक्त समय प्रदान किया है, ताकि अधिकांश पात्र किसान 20वीं किस्त के साथ भुगतान पा सकें ।
- रिपोर्ट्स का दावा है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह तक अधिकांश किसानों को राशि प्राप्त हो जाएगी ।
- सरकार और संबंधित विभागों ने क्षेत्रीय CSC और तहसील कार्यालयों के माध्यम से किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
4. किसानों पर प्रभाव: क्यों यह महत्वपूर्ण है?
4.1 कृषि लागत की मुसीबत
- जब किसान को समय पर राशि नहीं मिलती, तो बीज, खाद, कीटनाशक और मजदूरी इत्यादि की खरीद में बाधा आती है।
4.2 कर्ज पर निर्भरता बढ़ती है
- नकद व्यवस्था में कमी से किसान अक्सर वित्तिय संस्थाओं से कर्ज लेते हैं, जो ब्याज की वृद्धि कर दे सकती हैं।
4.3 मानसिक असर और विषम हालात
- देरी और बिचौलियों की शंका, भ्रांति को जन्म देती है; कई किसान इससे मानसिक तनाव महसूस करते हैं।
5. किसानों के लिए 8 महत्वपूर्ण स्टेप्स (चेक‑लिस्ट)
क्र. | कदम | विवरण |
---|---|---|
1 | e‑KYC पूरा करें | PM-KISAN पोर्टल/CSC में जाकर e-KYC कम्पलीट करें । |
2 | आधार ⇄ बैंक लिंक जांचें | आधार बैंक खाते से जुड़ा है या नहीं, बैंक जाकर चेक करवाएं । |
3 | भूमि सत्यापन | Local तहसील/पटवारी से भूमि सत्यापन कराएँ । |
4 | रजिस्ट्रेशन व डुप्लीकेट चेक | PMKISAN पोर्टल पर देखिए कि आपके पास डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन न हो । |
5 | डेटा‑मिसमैच सुधारें | नाम, जन्म तारीख, मोबाइल में अंतर हो तो पोर्टल/CSC पर सुधार करें । |
6 | किस्त स्थिति जांचें | पोर्टल → Farmer Corner → Beneficiary Status देखें । |
7 | बैंक पहले जांचें | खाता सक्रिय हो, IFSC और खाता संख्या अपडेट हो । |
8 | सहायता/शिकायत दर्ज करें | हेल्पलाइन: 155261 / 1800‑115‑526; Email: pmkisan‑ict@gov.in । |
6. सरकार द्वारा उठाए गए प्रयास
- जानकारी उपलब्ध कराना: मीडिया, पंचायत, CSC, कृषि कार्यालयों से किसान जागरूकता अभियान।
- तकनीकी सहायता हेतु CSC: किसान खुद e‑KYC, आधार लिंकिंग, रिकॉर्ड सुधार जैसे स्टेप्स CSC पर मुफ्त करवा सकते हैं।
- समय‑सीमा लचीलापन: बैकलॉग और दिक्कतें आने पर सरकार ने पेमेंट संक्रमण में सहूलियत का मार्ग सुगम बनाया है।
- दोषपूर्ण लिस्टिंग का संज्ञान: गलत विवरण रखने वाले, डुप्लीकेट लाभार्थियों को हटाया जा रहा है; पिछले किस्तों में ₹416 करोड़ वापसी भी हुई ।
7. किसानों को कैसे सहायता मिलेगी?
- सभी योग्य किसान जुलाई की शुरुआत तक 20वीं किस्त पा सकते हैं यदि उन्होंने अपनी डॉक्यूमेंटेशन सही कर ली है ।
- जो किसान घंटों संघर्ष कर रहे हैं—वह उठाए गए तकनीकी उपायों (जैसे CSC बायोमेट्रिक सहायता) से लाभान्वित हो सकते हैं।
- मासिक SMS अलर्ट और पोर्टल नोटिफिकेशन से किसान अपडेट रह सकते हैं।
8. देरी को लेकर किसानों के सुझाव और राय
Reddit और अन्य प्लेटफॉर्म पर मिले किसानों के अनुभव बताते हैं कि अक्सर:
“आधार या खाता गलत होने के कारण पैसा फेल हो गया; CSC से सुधार करवाया, तो अगली किस्त मिल गई।”
“कुछ किसानों ने बताया कि उनसे IFSC डालने में त्रुटि थी—इससे DBT नहीं निकला।”
इससे स्पष्ट है कि तकनीकी छोटी सी त्रुटि भी भुगतान रुकवा सकती है। कई किसानों ने CSC से डेटा अपडेट करवाकर समस्या हल की है।
9. निष्कर्ष और आगे की राह
- पीएम-किसान 20वीं किस्त का विलंब तीन मुख्य कारणों से है: e‑KYC अधूरा होना, आधार-बैंक लिंकिंग की कमी, और भूमि सत्यापन न होना।
- सरकार ने किसानों को टेक्निकल सहायता, समयावधि में लचीलापन, तथा जानकारीसंपन्न माध्यमों का उपयोग करने की सुविधा दी है।
- यदि किसान समय पर दिए गए सभी चरण पूरे कर लेते हैं, तो उन्हें जुलाई की पहली सप्ताह तक किस्त प्राप्त हो सकती है।
- किसानों को सतर्क देते हुए कहा गया है कि:
- किसान पोर्टल पर नियमित स्थिति जाँच करें,
- किसी भी त्रुटि की पहचान हो तो तुरंत CSC या बैंक/आधार केंद्र पर सुधार करवाएं,
- e‑KYC, बैंक‑आधार लिंकिंग और भूमि सत्यापन को प्राथमिकता दें।
- इसके अतिरिक्त, किसानों को सरकार द्वारा जारी SMS अलर्ट, हेल्पलाइन संपर्क, और क्षेत्रीय कार्यालयों की जानकारी पर सतत नजर रखने की सलाह दी जाती है।
- अंततः, सरकारी पहल, गुणवत्तापूर्ण जानकारी एवं किसानों की सक्रिय भागीदारी से ही पीएम किसान योजना का मूल उद्देश्य—यानी छोटे व सीमांत किसानों को समय पर आर्थिक सहारा—साकार होगा।
🔔 सुझाव हमारे प्रिय किसानों के लिए
- अभी PM-KISAN पोर्टल पर लॉगिन करके Beneficiary Status से किस्त की स्थिति जरूर चेक करें।
- अगर “e‑KYC pending / आधार लिंक pending / भूमि सत्यापन pending” जैसे पैमाने दिख रहे हों, तो उपरोक्त 8‑स्टेप चेक‑लिस्ट का पालन करें।
- त्रुटि सुधार के बाद आप जुलाई तक किस्त की उम्मीद कर सकते हैं—और अगर फिर भी देरी हो रही हो, तो तुरंत हेल्पलाइन या स्थानीय कृषि/राजस्व अधिकारियों से संपर्क करें।
इस लेख से आपको पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त में हो रही देरी, उसके पीछे की वजहें और उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों की स्पष्ट समझ मिली होगी। यदि आप चाहते हैं, तो इस संदर्भ में एक संक्षिप्त इन्फोग्राफिक, क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद या इंटरनेट-फ्रेंडली पोस्ट भी तैयार कर सकता हूँ—बस बताइए!