भारतीय क्रिकेट में जब भी बड़े रूप में किसी खिलाड़ी को नजरअंदाज किया जाता है, तो यह स्वयं में एक बड़ा मुद्दा बन जाता है। एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम के चयन ने भी कुछ ऐसा ही किया, जब बेहतरीन फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को टीम से बाहर रखा गया। यह निर्णय न केवल प्रशंसकों में निराशा का कारण बना बल्कि पूर्व क्रिकेटरों, विशेषज्ञों और क्रिकेट पत्रकारों ने इसे एक अन्यायपूर्ण फैसला भी बताया। इस लेख में हम विस्तार से इस विवाद की जड़ तक जाएंगे, श्रेयस अय्यर के प्रदर्शन का आंकलन करेंगे, चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाएंगे और भविष्य के संदर्भ में इस फैसले के प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।
श्रेयस अय्यर: क्रिकेट जगत में एक प्रेरणादायक कहानी
श्रेयस अय्यर का क्रिकेट सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। दिल्ली के युवा खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी मेहनत और काबिलियत का परचम लहराया है। उन्होंने IPL 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी करते हुए टीम को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। उस सफलता के बाद IPL 2025 में पंजाब किंग्स के कप्तान के रूप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, 17 मैचों में 604 रन बनाए। इतने प्रभावशाली रन बनाने वाला बल्लेबाज भारत की टी20 टीम के लिए अहम साबित हो सकता है।
उनके स्ट्राइक रेट 175.07 और औसत 50.33 दर्शाता है कि वह बल्लेबाजी में कितने आक्रामक और भरोसेमंद खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही उन्होंने घरेलू मुकाबलों में भी अपना दबदबा कायम रखा है, जिसमें रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी शामिल हैं। इन प्रतियोगिताओं में उनकी बल्लेबाजी का औसत बेहद प्रेरणादायक रहा है, जो बताता है कि श्रेयस विभिन्न परिस्थितियों के लिए लचीले बल्लेबाज हैं।
एशिया कप 2025 से बाहर होना: बड़ा झटका
ऐसे शानदार प्रदर्शन के बावजूद, जब टीम इंडिया का एशिया कप 2025 स्क्वाड घोषित किया गया, तो सभी को झटका लगा कि श्रेयस अय्यर को टीम में जगह नहीं मिली। इस फैसले ने न केवल फैंस बल्कि कई पूर्व खिलाड़ियों और क्रिकेट विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया। इस पर पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी सख्त प्रतिक्रिया दी और इसे ‘अत्यंत अनुचित’ बताया। अश्विन ने जोर देकर कहा कि IPL में उनके प्रदर्शन और टीम के लिए उनके योगदान को देखकर यह सवाल उठता है कि आखिर उनका चयन क्यों नहीं हुआ।
पूर्व असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर ने भी सवाल उठा दिया कि कैसे श्रेयस को न केवल मुख्य टीम से बल्कि 20 सदस्यीय संभावित टीम से भी बाहर रखा गया। यह सवाल उठता है कि क्या चयन समिति के निर्णय में कुछ व्यक्तिगत पक्षपात या अन्य कारण शामिल हैं?
चयन समिति की प्रतिक्रिया और उनका पक्ष
बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजित आगरकर ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि श्रेयस अय्यर का चयन न होना उनकी या चयन समिति की गलती नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय और रणनीतिक कारणों से चयन किया गया है और टीम के पास सीमित स्थान होते हैं। अजित आगरकर के शब्द थे, “श्रेयस अय्यर किसकी जगह लेते? यदि कोई उसे टीम में शामिल करेगा तो किसी और का नंबर नहीं आएगा।“
इस बयान से समझा जा सकता है कि चयन का आधार केवल खिलाड़ियों का प्रदर्शन नहीं बल्कि टीम की आवश्यकताओं के अनुरूप होता है। हालांकि, इससे भी सवाल उठते हैं कि क्या चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के आधार पर पर्याप्त मौका मिलता है?
चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल
श्रेयस अय्यर मामले ने भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई विशेषज्ञ और पूर्व खिलाड़ी कहते हैं कि चयन में स्पष्ट मापदंड होने चाहिए, जिसमें खिलाड़ी का वर्तमान फॉर्म, मौजूदा परिस्थितियों के अनुकूलता और लंबे समय से टीम के लिए योगदान शामिल हो।
जब कोई खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है, खासकर घरेलू और आईपीएल जैसे बड़े मंचों पर, फिर भी उसको नजरअंदाज किया जाता है, तो यह दर्शाता है कि चयन में अन्य कारक कार्यरत हैं। क्रिकेट जैसे खेल में चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता न होना खिलाड़ियों और फैंस दोनों में असंतोष पैदा करता है।
सामाजिक और खेलकूद पर असर
श्रेयस अय्यर के चयन न होने का मामला सोशल मीडिया और मीडिया में बड़ा विवाद बन गया है। फैंस ने चयन समिति पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बजाय व्यक्तिगत पसंद को महत्व दिया है। यह विवाद भारतीय क्रिकेट की छवि के लिए भी नकारात्मक है, क्योंकि इससे विदेशी टीमों और प्रशंसकों को यह संकेत जाता है कि यहां चयन पूरी निष्पक्षता से नहीं हो रहा।
खेल के लिहाज से, यूएई की जैसी पिचों पर जहां स्पिन और तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी चुनौतीपूर्ण होती है, वहाँ श्रेयस जैसे आक्रामक और तकनीकी बल्लेबाज का होना टीम के लिए फायदेमंद होता। उनकी गैरमौजूदगी से टीम की मिडिल ऑर्डर में मजबूती कम हुई है, जो बड़े टूर्नामेंटों में महत्वपूर्ण रहती है।
भविष्य की संभावनाएं और श्रेयस अय्यर की वापसी की उम्मीद
श्रेयस अय्यर के पास अब धैर्य और लगन के साथ अपने प्रदर्शन को जारी रखने का समय है। भविष्य के लिए संभावना है कि यदि उन्होंने प्रदर्शन जारी रखा, तो आगामी वनडे, T20, और टेस्ट टीमों में उन्हें जरूर स्थान मिलेगा। टीम में अनुभवी खिलाड़ियों की कमी को देखते हुए, अय्यर जैसे युवा लेकिन परिपक्व खिलाड़ी की जरूरत है।
उनकी कप्तानी की क्षमता भी टीम को विशेष लाभ पहुंचा सकती है। IPL और घरेलू क्रिकेट में उनका नेतृत्व सफलता की पहचान है, जो भारतीय टीम को रणनीतिक तौर पर बेहतर कर सकता है।
निष्कर्षः श्रेयस अय्यर के चयन विवाद से सबक
श्रेयस अय्यर का एशिया कप 2025 से बाहर रहना न केवल एक व्यक्तिगत निशाना है, बल्कि भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया को लेकर गंभीर सुधार की आवश्यकता को भी दर्शाता है। खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर चयन होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत पक्षपात या अन्य कारणों से।
बीसीसीआई और चयन समिति को चाहिए कि वे चयन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और डेटा-आधारित बनाएं। खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक सुरक्षा और सकारात्मक माहौल दिया जाना चाहिए, ताकि वे निरंतर बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
श्रेयस अय्यर जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी की वापसी भारतीय टीम को ताकत और गहराई प्रदान करेगी। उनके निरंतर प्रयास और फैंस के समर्थन से जल्द ही वे अपने कौशल से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीतेंगे और भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।